तेरे नाल लगाके अखियाँ

तेरे नाल लगाके अखियाँ दस सजणा की पाया
कमली बण गयी दरदां मारी की मैं हाल बणाया
तेरे नाल .......

पीड़ हिजर दी माड़ी सजणा जान पयी मेरी जावे
नित नित देखां रस्ता तेरा जिंद मेरी कुरलावे
हाय क्यों मैं प्रीत लगाई क्यों दिल तेरे नाल लाया
तेरे नाल .........

मोटी मोटी अखियाँ दे विच छम छम हंजू वग्गे
सोहणी सूरत तेरी सजणा पये दिल मेरे नू ठग्गे
इक वारी फेरा पा जा सजणा गम दिल नाल लगाया
तेरे नाल......

प्रीत दा रोग लगा सजणा मैं सब कुझ हार गयी
तन मन अपणा मेरेया सजणा तेरे उत्तों वार गयी
होर किसे नू की पयी आखाँ जे ना तैनू हाल सुणाया
तेरे नाल.......

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