चलो आज
चलो आज हम ये फासले मिटा दें
जो दीवारें हैं दरमियाँ वो हम गिरा दें
चलो आज .......
मिल जाओ की रूह अब तेरी हो गयी है
नहीं वजूद बाक़ी तुझमें ही खो गयी है
हम तुम दोनों पहली सब बातें भुला दें
चलो आज.........
ना पर्दा हो मुझसे कुछ ऐसे मुझसे मिल जाओ
क्यों रखी है दूरी सब चिलमन हटाओ
मोहबत में अब सारे शिकवे भुला दें
चलो आज .......
कोई अब जो पूछे पता तेरा क्या है
मैं उनसे क्या बोलूं ये शख्स ग़ुम शुदा है
जो मिलने भी आए तू खुद से मिला दे
चलो आज..........
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