इश्क़ वाली
हाय भुल जावां किवें दर्द तेरा
तेरा दर्द ही सौगात इश्क़ वाली
नींद आणी नहीं हंजू रुकने नहीं
अखियाँ विच कटनी रात इश्क़ वाली
क्यों जख्म मेरे फेर छेड दित्ते
क्यों याद मेरी नू जगा दित्ता
हाय बड़ी मुश्किल नाल भूली सी
दर्द दी एह बात इश्क़ वाली
हाय भुल जावाँ......
तेरे पैरां दे विच डिग जाणा
हंजुआँ नाल देख धो छड्ने मैं
हुण रुकणी नहीं चन्ना वेख लईं
अखियाँ दी बरसात इश्क़ वाली
हाय भुल जावाँ.......
तू मेरे कोल नहीं आ सकदा
फेर अपणे कोल बुला सजणा
कुछ तू कह लै कुझ मैं कहां
बीते बातां विच रात इश्क़ वाली
हाय भुल जावाँ.........
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