मन को मयूर
मन को मयूर नाचे पिया थामो हाथ ही
पिया पिया रटूं सखी पिया मेरे साथ ही
मन को मयूर.......
पिया तू बजा बांसुरी मैं नाच दिखाऊं
तेरी बंसी की धुन पर वारी वारी जाऊँ
संग रहो पिया मेरे अब दिन रात ही
मन को मयूर......
पंख मयूर तुम सीस पर धराये हो
पिया मोहे चरणन में अब तो बिठाये लो
चरण तेरे चूम लूँ तुम्हीं मेरो नाथ ही
मन को मयूर.......
संग रहूँ पिया अपनी ही बनाय लीजो
छोड़ नहीं जाना मुझे हिय में समाय लीजो
बिन कहे जानो पिया हिय वारी बात ही
मन को मयूर.....
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