कोरा कागज़
मैं इक कोरा कागज़ सखी
लिख दे पिया का नाम
पाती बन जाऊँ पिया नाम की
जाऊँ फिर पिया के ही धाम
पिया लें सखी पाती हाथन में
छुअन ते ही महक जाऊँ सखी
पिया जो देखें नैनन सों
आँखिन में उनको भर लूँ
पाती मेरी पिया पिया बोले
जीवन नाम पिया के कर लूँ
पढ़ें पिया जब पाती मेरी
कभी तो पिया को याद आएगी
भई बाँवरी तेरी ही पिया जी
कैसे पिया बिन रह पायेगी
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