क्यों लौट जाते हो
तेरी गली से क्यों नहीं लौट पाते
क्यों तुम फिर से आवाज़ लगाते हो
चले जाते हैं अलग चलो
क्यों फिर से बुला लाते हो
क्यों मैं बिन तुम्हारे नहीं रह पाती
क्या तुम मेरे बिन रह पाते हो
यकीन नहीं होता दिल को
क्यों झूठ सा यकीन दिलाते हो
क्यों तुमको रखना चाहती हूँ पास अपने
क्यों तुम घड़ी घड़ी लौट जाते हो
कह दो मैं नहीं हूँ तेरी
क्यों फिर मुझे बुलाते हो
नहीं सुननी कोई बात अब तुम्हारी
क्यों अपनी हर बात मनाते हो
रख लूँ अब तुमको नज़रबन्द मैं
क्यों दूर नज़र से हो जाते हो
जानते हो रह नहीं पाऊँगी बिना तेरे
फिर क्यों तुम छिप जाते हो
नहीं रूठना तुम मुझसे कभी भी
जानती हूँ प्रेम करते हो मान जाते हो
देखो इतना सताना भी ठीक नहीं
हद से ज्यादा तुम मुझे सताते हो
कभी भूल जाऊं तुम्हें ये हो नहीं सकता
तुम पल पल अपनी याद दिलाते हो
आओ अब मेरे दिल में ही रह लो
क्यों बाहर कोई और घर बनाते हो
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