मुझे लाडली

मुझे लाडली बस तेरा यही रूप सुहाता है
मुख से मेरे राधा राधा नाम नहीं जाता है
मुझे लाड़ली........

तेरी शरण हूँ मेरी राधिके मुझे भरोसा तेरा है
दुनिया की परवाह नहीं अब और कोई ना मेरा है
तेरा नाम बस मेरी स्वास् संग आता जाता है
मुझे लाडली..........

करुणामयी श्यामा हो भोरी अब तो मुझसे बात करो
तेरी शरण हूँ मेरी स्वामिनी मेरे सिर पर हाथ धरो
मैं तेरे चरणों की दासी बस तुम संग नाता है
मुझे लाडली.........

हर पल अपनी शरण में रखना मन रखना बरसाने में
तीन लोक का सुख है श्यामा तेरी सेवा पाने में
वो खुशकिस्मत होता जो श्यामा तेरी नज़र में आता है
मुझे लाडली..........

Comments

Popular posts from this blog

भोरी सखी भाव रस

घुंघरू 2

यूँ तो सुकून