क्यों छोड़ जाते हो

क्यों छोड़ जाते हो हमें यूँ जलने इश्क़ में
जाना ही था तो कहते अपना बनाया क्यों

अब हमें गम ए इश्क़ भी अज़ीज़ हो चला
नहीं कहना अब हमको की दिल लगाया क्यों

हम इस दर्द के साथ काट लेंगे तनहा रातें
भूल ही जाते फिर चाँद ने याद दिलाया क्यों

जाग ही कटती हैं रातें आँखों में नींद नहीं
मिलने का ख्वाब इन आँखों को दिखाया क्यों

हम तो कह सकते नहीं दर्द ए दिल किसी से
तुमने अपना बना हमें ये दर्द सुनाया क्यों

जख्म हैं इतने की रूह सिसकती है मेरी
हमने गैरों को हाल ए दिल बताया क्यों

नहीं लौटना तुमको तो सदायें मत देना
हम फनाह हो ही चले थे हमें लौटाया क्यों

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