हरि का नाम

हरि का नाम भजो रे भाई बीत चली तेरी उमरिया
कभी भजे ना मन से प्रभु को कैसे बने तेरा मीत सांवरिया
हरि का नाम.....

हरि का नाम महासुख सागर मार ले इसमें डुबकी
रहा किनारे खड़ा देखता क्यों न तूने सुधि ली
हरि हरि बोल फिर हरि मिलेंगे बन जा तू बाँवरिया
हरि का नाम.......

हरि हरि बोल रे मनवा नहीं हरि बिना कोई तेरा
मन रहा भटकता विषयों में है चहुँ और अँधेरा
भूल गया क्या मन्ज़िल तेरी भूल गया तू डगरिया
हरि का नाम.......

हरि नाम की लग्न लगा भर भर पी ले नाम प्याला
हरि हरि तेरी रसना गावे हो जा तू मतवाला
हरि भजे बिना बीत रही सब व्यर्थ तेरी उमरिया
हरि का नाम......

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