इश्क़ करो ना कोई
हाय दे गयो दर्द इश्क़ दे
हुण पीड़ ना मेरी देखे कोई
क्यों लाइयां अखियाँ मैं सजणा
तेरी याद विच सजणा नित रोईं
हंजू वगदे रात दिन मेरे हाय
तू क्यों खबर ना लिती कोई
क्यों दस् मैनू कमली तू किता
जे तेरे दिल विच दर्द ना कोई
की करना हुण इस जिंदगी दा
हाय क्यों जिन्दा मैं क्यों न मोई
जाओ कोई मेरी चिठ्ठी ले जाओ
दे आओ सजणा नू सुनेहा कोई
नहीं कट रही रात हिज़र वाली
क्यों रात यह एनी लम्बी होई
सिसकां रात दिन तेरे विछोड़े सजणा
तू सार मेरी लई ना कोई
हाय केहड़े वेले इश्क़ कर बैठी
हाल देख लो इश्क़ करो ना कोई
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