रोग लगा ग्यों

रोग लगा ग्यों इश्क़ दे मुड़ तेरी खबर आई
हाय पछतावां केहड़े वेले जिंदगी तेरे लेखे लाई
रोग लगा ग्यों......

दूर देस बैठा सजण मेरा भुला गया हाय मैनू
इस कमली ने रो रो अपणी जिंद मुकाई
रोग लगा ग्यों.......

आ जा माही तरले पावां रूह मेरी नित नित तड़पे
बिरहा दी अग्ग लगी सजणा जिंदगी साड़ मुक़ाई
रोग लगा ग्यों.........

तेरे चाहण वाले लक्खां तैनू फर्क ना कोई
मेरा ते बस इको तू ही तू वी बैठा भुलाई
रोग लगा ग्यों.........

इस कमली ने हुण मुक् जाणा आजा ओ बेदर्दी
खाणा पीणा मरणा जीणा हाय बैठी सब भुलाई
रोग लगा ग्यों........

दिल दे किसे कोने दे विचों तेरी आवाज़ पई आवे
फेर कमली ने माही नू मिलण दी आस लगाई
रोग लगा ग्यों.........

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