जय जय

जय वृन्दावन जय वृन्दावन जय जय युगल किशोर
जय अष्टसखी जय कालिंदी जय जय रस की छोर
जय नटवर नागर जय बनवारी जय जय माखनचोर
जय राधिके जय स्वामिनी जय जय कृपा की कोर
जय जय मोर खग लता पता सब वास मिले ब्रज माँहि
जय जय ब्रज रज जय जय वन उपवन रास कियो नित जाहिं
जय जय सन्तन जय जय रसिकन गुण गायें नित नित
जय जय भक्तन जय जय सखियन सेवा पायें नित नित

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