मुझे बस मेरी मन्ज़िल से वास्ता
मुझे बस मेरी मन्ज़िल से वास्ता हो
तुझको ही देखूं जो भी रास्ता हो
साथ रहे कोई या दूर रहे मुझसे
मेरा रिश्ता कभी नहीं टूटे तुझसे
हर किसी में तेरा दीदार हो मुझे
प्रेम तेरे चरणों से सरकार हो मुझे
कहीँ भटक ना जाऊँ तू सम्भालना मुझको
गिर पडूँ अगर तो निकालना मुझको
तुम हो मेरे बस तुमसे मुझे वास्ता हो
तुम ही मन्ज़िल मेरी तुम ही मेरा रास्ता हो
बीच की सब मुश्किलें हटा दो तुम
मुझसे मेरी मैं भी अब मिटा दो तुम
तुम ही तुम रहो यहां नहीं कोई बाक़ी हो
तुम हो जाम खुद तुम ही साकी हो
आ महबूब मेरे जहन में तू ही रह जा
जो कहानी है अधूरी सी तू ही कह जा
अब यही हसरत है की तेरी ही हसरत हो
तुझे देखूं तुझे चाहूँ यही इबादत हो
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