एक बार छेड़ दो
एक बार छेड़ दो तुम अपनी मुरली की तान प्रिये
तेरी मुरली की धुन सुनने को व्याकुल मेरे प्राण प्रिये
एक बार.......
रम जाओ मुझमें प्रिय तुम प्रेम मेरा तुम बन जाओ
देखूं जिस भी ओर सखे तुम ही तुम नज़र आओ
प्रेम तुम्हारा बने ऐसे मेरे जीवन में वरदान प्रिये
एक बार.........
प्रेम आपका मिले मुझे अब जीवन मेरा समर्पित है
तन मन प्राणधन सब तुमको मेरी और से अर्पित है
बिना प्रेम के हो जायेगा जीवन मेरा निष्प्राण प्रिये
एक बार........
तुम बिन जीवन सूना प्रियतम जीवन आधार मेरे तुम ही
स्वास् स्वास् हो नाम तेरे ही जीवन सार मेरे तुम ही
कब तुम बिन बीते पल मेरा जैसे मृत्यु समान प्रिये
एक बार.........
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