ये रास्ता

ये रास्ता अब किसी मन्ज़िल को नहीं जाता
क्यों लब पर मेरे तेरा नाम ही नहीं आता
ये रास्ता......

मुझे मन्ज़िल ना मिली जाने क्यों खो गयी
मुझे तो लगा मैं कब से तेरी हो गयी
अब पता चला तू लगा दिल नहीं निभा पाता
ये रास्ता........

नहीं अब दर्द कोई तेरा ही दर्द सम्भाले थे
जाने क्यों दिल में पड़े इतने बड़े छाले थे
बस इक तम्मना थी तू मेरा हो जाता
ये रास्ता........

अब ना कोई मन्ज़िल है ना कोई रास्ता
मुझको अब किसी से कोई नहीं है वास्ता
मेरा दर्द है और मैं बस यही नाता
ये रास्ता.......

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