पिया पिया रटत ही

पिय पिय रटत ही मैं आप ही पिया भई
नाय जानूँ कौन पिया अब नाय मैं कौन ही

पिय पिय रटूं पिया जी लूँ संग तेरे पिया
पिय मेरो संग नाचे मैं बजाऊं बाँसुरिया

मगन नाचे पिया मेरो मैं भी पिया भई
पिया मुझमें मैं पिया में भेद अब कोई नहीं

पिया संग ही जी रही हूँ बन गयी मैं भी पिया
पिया तेरो संग अमृत मुझको भी पावन किया

यूँ ही घुलते मिलते बीते जीवन जितना शेष है
मैं पिया में और पिया मुझमें न अंतर मात्र लेश है

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