बैठ गए
तेरे इंतज़ार में शमां जला कर बैठ गए
देख हम खुद को भूला कर बैठ गए
तेरा इंतज़ार है मुझको बड़ी मुद्दत से
देख हम नज़रें बिछा कर बैठ गए
नहीं दिखाएंगे दर्द कितने हम सम्भाले हैं
हर दर्द सीने में दबा कर बैठ गए
मचल रही थी हसरत तेरे दीदार के लिए
देख हम चिलमन सारी हटा कर बैठ गए
रूह तो कब से सनम हो चुकी थी तेरी
हम खुद को भी आज़मा कर बैठ गए
बुझ चले हैं चिराग सारे महफ़िल के अब
रौशनी को हम दिल जला कर बैठ गए
है ख्वाहिश मेरी की अब तेरी ही ख्वाहिश रहे
बाक़ी ख्वाहिशें हम सारी भुला कर बैठ गए
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