तेरा इश्क़ हो गया है

तेरा इश्क़ हो गया है जीने की वजह मेरी
मुझपर हुई जो रहमतें साहिब ये अदा तेरी
तेरा इश्क़......

जब से हुई है रूह को तलब तुम्हारी
बढ़ती ही जा रही है पल पल बेकरारी
तुम पर हो चुकी सजीब रूह फ़िदा मेरी
तेरा इश्क़.......

मुझे आगोश में ही रखना पल भर ना दूर करना
तुझको करूँ मैं सजदे नहीं मगरूर करना
तुझसे बिछड़ना होगी सांवल ये सज़ा मेरी
तेरा इश्क़.......

रहो आबाद पल पल मेरे सिरताज हो तुम
मेरी ही हर तम्मना मेरा ही नाज़ हो तुम
तुमको लग ही जाए अब हर दुआ मेरी
तेरा इश्क़........

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