इतनी कृपा करो नाथ मेरे

इतनी कृपा करो नाथ मेरे
तुमको इक पल भी ना भुलाऊं
मेरे मन में छवि रहे तेरी ही
अपने कर्मों से तुझको रिझाऊँ

सेवा तन से बने संसार की
मन में बहती रहे गंगा प्यार की
कर्म सब हो जाएँ तुझको अर्पण
ऐसा जीवन अब नाथ जी पाऊं
इतनी कृपा करो नाथ मेरे
तुमको इक पल........

मेरे अवगुण हरो नाथ प्यारे
अधमी पतितों के तुम्हीं सहारे
दासी नित नित ही तुमको पुकारे
मैं पतित भी तेरे दरस पाऊँ
इतनी कृपा करो नाथ मेरे
तुमको इक पल........

बीती जाये मेरी ये उमरिया
नाथ कब तक ना लोगे खबरिया
मेरा जीवन ही तुमको समर्पित
तेरी सेवा में सब सुख पाऊँ
इतनी कृपा करो नाथ मेरे
तुमको इक पल.......

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