इश्क़ का दस्तूर

क्यों मिलके वी दूर रहें सजणा
क्यों दिल होवे मेरा मज़बूर सजणा

क्यों मेरी नींद गयी है रातां दी
क्यों तेरी याद होवे ना दूर सजणा

लख कर ले तू परदे मेरे कोलों
तेरा दिल करेगा तैनू मजबूर सजणा

नहीँ  रह सकदा तू लुक लुक के
नहीँ रह सकेंगा तू दूर सजणा

मेरी याद तैनू वी खिच पावेगी
तैनू वी आणा पवेगा जरूर सजणा

चाहे ले ले तू एह जान ही मेरी
चाहे दस वी ना मेरा कसूर सजणा

बस गुनाह होया की मैं इश्क़ कीता
एही हो गया हुण मेरे लई नसूर सजणा

हंजुआँ दे मुल्ल मिलदा है इश्क़ सदा
पता लगया हुण इश्क़ दा दस्तूर सजणा

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