साँची प्रीत पिया संग लागी

साची प्रीत पिया संग लागी
मेरो प्रीत कान्हा संग लागी
सगले जगत से भई बेगानी
बाँवरी तो अब भई बैरागी

नित दिन प्रेम प्रतीक्षा कीन्हीं
नित नित रैन हाय जागी
अखियाँ झर झर नीर बहायें
प्रीतम तेरी प्रीत अब जागी
क्यों लग्न बाँवरी को लागी
मेरो प्रीत कान्हा संग लागी

लेकर मटकी गयी यमुना तट
चोंक् उठी सुनकर हर आहट
कब आएं मेरे श्याम पिया जी
राह निहारें हाय नैना एकटक
पल पल मरे विरहणी अभागी
मेरो प्रीत कान्हा संग लागी

प्रेम प्रतीक्षा जिया मेरो जलाये
कोई सखी पिया सुधि लाये
बाँवरी नित नित पुकार लगाये
श्याम पिया मेरो कब घर आये
अब मोहे श्याम नाम धुन लागी
मेरो प्रीत कान्हा संग लागी

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