रूह की तलाश

ये आँखे तलाश रही तुम्हें
तुम रूह की तलाश बन जाओ
जो छू पाये बस रूह तुम्हें
तुम ऐसे प्रेम बन कर आओ
बस जाये महक बन कर ही
ऐसे मुझ में ही समा जाओ
इक पल ना बिछडुं तुम से मैं
ऐसे अब मुझमें आ जाओ
ये रूह कब की ही प्यासी है
अब प्रेम रस बरसा जाओ
आना तो अबके यूँ आना
की आना हो ना जाना हो
ऐसे ले लेना आगोश में ही
रह पाऊं ना फिर होश में ही
कान्हा तुम ही हो मेरी ज़िन्दगी
तुझे चाहना ही मेरी बन्दगी
तुझे चाहना ही मेरी बन्दगी

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