काश बन जाऊं
काश बन जाऊं हवा का झोंका
जो तुझे छू के चला आएगा
या बन जाऊं हंसी लबों की तेरे
घुलके तेरा ही एहसास हो जाएगा
बन जाऊं जुल्फ तेरी घनी घनी सी
लिपट कर चेहरा खुशगवार हो जाएगा
बना लो अपनी माला का ही मोती
छूने पर तुमसे प्यार हो जाएगा
कैसे भी अपने साथ अब रखलो मुझे
तेरे बिना जीना बेकार हो जाएगा
दिल तो कब का दे चुके हैँ तुमको
ये तेरे इश्क़ में गिरफ्तार हो जाएगा
नहीँ तो आ ही जाओ आँखों में मेरी
हर घड़ी तेरा दीदार हो जाएगा
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