हम तो साहिब
कोई लफ़्ज़ों में कहां लिखूंगी इश्क़ के फ़साने
हम तो साहिब मुद्दतों से ही आपके दीवाने
इश्क़ करने का मुझे ऐसा जुनून हुआ
जिस घड़ी भूली तुझे पल भी ना सुकून हुआ
अब ज़िन्दगी ही तेरे इश्क़ के की नज़राने
हम तो साहिब.......
तेरे इश्क़ से ही रोशन कायनात मेरी
तेरी तड़प में हुई अश्कों की बरसात मेरी
दिल अब झूम के ग रहा तेरे ही तराने
हम तो साहिब.......
जो उम्र भर रहे कुछ ऐसी तड़प दो
तेरे सिवा और ना देखूं कुछ ऐसी नज़र दो
तेरे ही मय से झूमते रहें सब पैमाने
हम तो साहिब.......,
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