और तड़प दो इश्क़ में
और तड़प दो इश्क़ में
मुझे अभी है और जलना
कभी ना कभी मिलोगे
मुमकिन नहीं निकलनाग
मुझको मदहोश करता है
ऐसा अगर इश्क़ है तेरा
जीने दो मुझको अब ऐसे
देखेंगे कब सम्भलना
अब बस तेरी तम्मना
बस तेरी ही आरज़ू है
मुश्किल है इश्क़ होना
आसान है दिल मचलना
इक बार तुझको देखूँ
तो आखों में कैद कर लू
ऐसे पकड़ लूँगी फिर
मुमकिन नहीं निकलना
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