अब तो सुनो
अब तो सुनो मेरी पुकार सांवरे
दरस की आशा करें नैन बांवरे
अधम हूँ पतित हूँ दीनता नही है
सेवा , प्रेम नहीँ कोई गुण नहीँ है
मन से निकले ना तेरा नाम रे
दरस की आशा करें नैन बांवरे
अब तो सुनो......
तुम हो कृपा सागर इतनी कृपा हो
छूटे संसार मन तुझमें टिका हो
जगत में है धूप तुम घनी छाँव रे
दरस की आशा करें नैन बांवरे
अब तो सुनो.......
नहीँ कुछ चाहूँ और नहीँ चाह हो
प्रेम हो तुझी से मन तुझमे रमा हो
सब मेरे प्राणाधार तेरे नाम रे
दरस की आशा करें नैन बांवरे
अब तो सुनो........
Comments
Post a Comment