छिपा लो आगोश में
छिपा लो आगोश में अपने अब
तेरे बिना मुझको रहना नही है
तुम ही सुनोगे कहोगे सब मुझसे
तेरे सिवा किसी से कहना नहीँ है
मिटा दो ये दूरियां जो दरमियाँ हैं
हटा दो अब सारे परदे हटा दो
हवाओं को बांध रखा है किसने
हवाओं को बंधकर रहना नहीँ है
तुम्हें इक रोज़ परदा हटाना होगा
है इश्क़ तो सामने आना होगा
है इंतज़ार अब इस रूह को तेरा
तेरे बिना ज़िंदा रहना नहीँ है
दीदार की तलब है मुझे अब
तुम देखलो करना क्या है तुम्हें
हैं आहें और सिसकियाँ मेरी दौलत
इनके सिवा कोई गहना नहीँ है
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