कृपा करो हे भानु दुलारी

कृपा करो हे भानु दुलारी
दासी शरण में पड़ी तिहारी

कृपा करो बरसाने वारी
दासी शरण में पड़ी तिहारी

नही योग्यता नही कोई बल
मूर्ख अधम पतित मैं निर्बल

निर्बल को बल आप ही दीजो
अब मोहे अपनी शरण में लीजो

चरण सेवा में लगे मेरा मन
वास् मिले मोहे वृन्दावन

तेरे नाम का मिले सहारा
नाम तेरे में शक्ति अपारा

श्यामाश्याम रटूं दिन रैन
निरखूं छवि तेरी दिन रैन

श्यामाश्याम ही अब मोरे प्राण
निसदिन लिखूं तेरो गुणगान

नहीँ समर्था नहीं कोई शक्ति
कृपा आपकी से ही मिले भक्ति

श्यामाश्याम मेरे प्राणाधार
निसदिन पाऊं प्रेम दुलार

रज अब श्री चरणन की पाऊँ
श्यामाश्याम तेरो गुण गाउँ

Comments

Popular posts from this blog

भोरी सखी भाव रस

घुंघरू 2

यूँ तो सुकून