हम आग में पहले से ही हैं

अब दीदार दो या मार ऐसे क्यों तड़पा रहे हो
हम आग में पहले से ही हैं और क्यों जला रहे हो

माना की दिल को तेरे दीदार की तलब है
और दीदार तेरा हो ये भी इक सबब है
नहीँ आना साफ़ कह दो झूठी उम्मीद दिला रहे हो
हम आग में पहले से ही है......

तेरा इश्क़ बन चुका मेरे दर्द की वजह है
जो मज़ा इस दर्द में और कहीं नही मज़ा है
मदहोश कर दिया है क्यों इतनी पिला रहे हो
हम आग में पहले से ही हैँ.......

यूँ ही मर जाएँ प्यारे तेरे इश्क़ की कसक हो
बहती ही रहें आँखें तेरे ही दिए अश्क़ हों
अब तुझको देखना है क्यों दुनिया दिखा रहे हो
हम आग में पहले से ही हैँ.........

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