कान्हा मुरली की छेड़ो तान

कान्हा!
मुरली की छेड़ो तान
व्याकुल हुई गोपी गईयां तेरी
भर दो जीवन प्राण
कान्हा!
मुरली की छेड़ो तान

दिन चढ़ आया मधुवन जाओ
गोप जाएँ और गईयां ले जाओ
राह में मिलती हर गोपी
कर बैठी तुमसे मान
कान्हा!
मुरली की छेड़ो तान

यमुना की शीतल जल धारा
सखियों का कान्हा प्राणप्यारा
सुन्दर सुमुख सुजान
कान्हा!
मुरली की छेड़ो तान

प्राणों से भी श्यामा प्यारी
झूला झुलाएं कृष्ण मुरारी
निरखत मंद मंद मुस्कान
कान्हा!
मुरली की छेड़ो तान
मोहना!
मुरली की छेड़ो तान

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