बसो मेरे नैनन सों नन्दलाल

बसो मोरे नैनन सों नन्दलाल
रहो मोरे नैनन सों नन्दलाल
देखत देखत फिरूं बाँवरिया
नित नित तेरो रूप सांवरिया
यमुना तट खड़े पीताम्बर धारी
वंशी अधर छवि अति मतवारी
कबहु दिखोगे मेरो बनवारी
दरस दो अखियाँ होयें निहाल
बसो मोरे नैनन सों नन्दलाल
रहो मोरे नैनन सों नन्दलाल
झर झर जावें प्यासी अखियाँ
अखियों में कट रही सारी रतियाँ
देख मेरो हाल हसत रही सखियाँ
दरस दो अखियाँ होयें निहाल
बसो मोरे नैनन सों नन्दलाल
रहो मोरे नैनन सों नन्दलाल

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