यूँ ही जीना है चाहतों में

यूँ ही जीना है चाहतों में
मुझे मदहोशी हर पल दो
तेरे बिना याद ना कुछ हो
ऐसे बेहोशी हर पल दो

तेरा ही नाम हो लब पर
तेरी ही धड़कनें दिल में
बिना बोले भी कह जाऊं
ऐसी ख़ामोशी हर पल दो

यूँ ही पीती रहूँ हर पल
जाम पर जाम मोहबत के
मैं रह जाऊं फनाह होकर
ऐसी सरफ़रोशी हर पल दो

तुझे जो भूल जाऊं पल भी
ना आये कभी वो पल ही
बस घुलती घुल जाऊं तुममें
ऐसी आगोशी हर पल दो

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