हाय पिया पिया पुकारूँ
किस दिन आएं मेरे पिया जी
नित नित बाट निहारूँ
भई बाँवरी आस तेरी ही
हाय पिया पिया पुकारूँ
दूर देस साजन अलबेला
मेरी बीती जाये उमरिया
क्यों इतनी है देर लगाई
कैसे पल पल निकारुं
हाय पिया पिया पुकारूँ
किस दिन.......
प्रीत की रीत मैं नहीँ जानू
पिया बिना हाय कैसो मानू
अब तो आकर सुधि लो जी
मैं तेरो चरण पखारूँ
हाय पिया पिया पुकारूं
किस दिन ........
सारी रैन निंदिया न मोहे
बाँवरी बैठी अखियाँ भिगोये
तेरो दरस की प्यासी पिया मैं
तन मन सब कुछ वारूं
हाय पिया पिया पुकारूँ
किस दिन ........
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