रस बरसे

रस बरसे रस बरसे श्याम जू के अंगना
मोकू भी ले जाओ सखी तुम भी अपने संगना

मेरी अर्ज़ी मानो सांवरिया
होरी खेलत हुई बंवरिया
खेल खेल श्याम संग होरी झूम गया मन सजना
रस बरसे.......,

सब रंग फीके तेरे प्रेम सों
लो पियाजी तेरी गयी हो
अब पिया संग होरी खेलूं भरे मेरो अब मन ना
रस बरसे........

बरसाने वारी स्वामिनी मेरी
स्वामिनी मेरी रंग रंगीली
रँगीली संग होरी खेलूं पिया भी खेले संगना
रस बरसे.......

प्रियाजु लालन संग मुदित विराजो
मुदित विराजो जी रास में आजौ
निरख निरख सुख पावें सखियाँ झूमे अंगना
रस बरसे.........

Comments

Popular posts from this blog

भोरी सखी भाव रस

घुंघरू 2

यूँ तो सुकून