प्रीत भरी कोई
प्रीत भरी कोई बात सुनाओ
आओ पिया अब रस बरसाओ
प्रीत भरी कोई.......
मुरली की अब तान सुनाओ
राधे राधे धुन में रम जाओ
सुन मुरली डूब रहे रस में
अब रस सागर रस बरसाओ
प्रीत भरी कोई.......
श्यामा जू संग मधुर लीला में
श्यामा जू को शृंगार धराओ
नित नित मधुर मधुर रस बरसे
अब रस सागर रस बरसाओ
प्रीत भरी कोई.....
नित विहार होय कुंजन में
कब देख सखी हर्षाये मन में
युगल छवि के दरस करावो
अब रस सागर रस बरसाओ
प्रीत भरी कोई......
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