कन्हाई ओ कन्हाई
कन्हाई रे कन्हाई
तेरी याद मुझे आई2
एक पल ना आया ऐसा
तुझे दिल से भुलाया
रो रो इन आँखों ने
कजरा है बहाया
तेरे प्रेम में अब मैंने
सब सुध बिसराई
कन्हाई रे कन्हाई
कब से पुकारू तुम्हें
तुम क्यों ना आये
दर्शन की प्यासी ऑंखें
चैन पल ना पायें
तेरे इंतज़ार में मैंने
नींद भी गवाई
कन्हाई ओ कन्हाई
यशोदा के दुलारे हो
राधा जी के प्यारे हो
रहते हो दिल में सबके
प्राणों से प्यारे हो
अब तो मेरी सुन प्यारे
तुझे कबसे आवाज़ लगाई
कन्हाई ओ कन्हाई
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