दीन हीन पतित मैं राधे
दीन हीन पतित मैं राधे
तुम करुणामयी प्रेम अगाधे
कृपा करो लाडली किशोरी
रसरूपा हे चंचला भोरी
चरणन की सेवा में लीजौ
इस दासी को अपनी कीजौ
श्यामाश्याम छवि हो नैनन में
सेवा की अभिलाषा मन में
श्यामाश्याम गुण दिन रैन गाउँ
किशोरी श्यामा चरण रज पाऊँ
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