रख लीजो बरसाना

रख लीजो बरसाना
अब मोहे दासी कीजौ

अब सुधि लो मेरी लाडली
कृपा कोर अब कीजौ

मलिन अधम पापी बडो
तेरो चरणन की आस

लाडली तेरी कृपा सों
दीजौ वृन्दावन को वास

चरणन की करूँ सेवा नित
नित नित प्रीत मैं पाऊं

श्यामाश्याम निरख कर
बलिहारी मैं जाऊं

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