पिय पिय

पिय पिय रटे री बाँवरी कौन देस पिय मेरो
भटक रही जगत भंवर माँहिं नाम टेरत तेरो
आवो मोहन हाथ पकर मेरो जग सों करो निबेरो
भूल गई सकल जगत पिय नाम तेरो रही टेरो
क्षण क्षण अकुलात बाँवरी होय बहुत अबेरो
जगत लागे मोहना मोहे खारी झूठो रैन बसेरो

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