तेरे इश्क़ में
होना है फनाह.......... तेरे इश्क़ में
मुझे खुद से जुदा....... तेरे इश्क़ में
तू ही आरज़ू तू ही ज़ुस्तज़ु
मेरा दिल कहे बस एक तू
बस दिल कह रहा....... तेरे इश्क़ में
हर साँस बस तेरा नाम ले
यही सुबह ले यही शाम ले
दिल की सुनता जा ......तेरे इश्क़ में
कटती नहीं मेरी तनहाइयाँ
दिखती हैं क्यों तेरी परछाइयां
तू ही तू हर जगह ........तेरे इश्क़ में
हर लफ्ज़ है तू हर गीत है
मेरे दिल मे बजता संगीत है
छाया है कैसा नशा .......तेरे इश्क़ में
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