छोड़ गयो बलमा

छोड़ गयो बलमा मन नाँहिं माने
बलमा अनारी हिय की बतियाँ न जाने
छोटी छोटी बुँदियाँ बरसे उर आनन्द  न समाने
बिरहन बैठी रोय रहे सब लागे रे बिराने
अखियां बरसे झर झर हिय नाँहिं माने
आय मिलो बलमा अबहुँ कोऊ भी बहाने

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