बाँवरी भई रे

बाँवरी भई रे अखियाँ तेरी बाट निहारें
नैना बरसें जियरा तरसे श्याम ही पुकारे

रैन दिवस टेरत रहूँ श्याम श्याम श्याम
जगत सकल छोड़ मोहे श्याम सों ही काम
आन मिलो अबहुँ प्रियतम छिप गए कहाँ रे
बाँवरी भई ........

नैन मेरो बदरिया सों रैन दिन झरावें
बिरहन तेरी बांवरिया क्षण क्षण अकुलावे
क्षण भी नाँहि बिसरुं पिया तोहे साँवरे
बाँवरी भई ........

रोवत रोवत हार गई तुम्हीं मेरी ठौर रे
तुम्हरो होय कितहुँ जाऊँ मेरो न कोऊ और रे
नाम तेरो टेरत टेरत रैन दिन गुज़ारे
बाँवरी भई ये अखियाँ तेरी बाट निहारें
नैना बरसे जियरा तरसे श्याम ही पुकारे

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