रूप की यह राशि
रूप की ये दोऊ राशि कौन मुख कहूँ सखी
निरख निरख सखियन के नयन सिरात हैं।
भर भर लीजो दृगन माँहिं एह छब सखी
बाँवरी कहे सखियन के हिय ललचात हैं।।
ऐसो रस बरसत है युगल छवि देख सखी
नयन भर निरखूँ ऐसो हिय ललचात है।
कौन विधि लिखूं छबि कोऊ विधि उपमा देयों
युगल चरण बल देय बाँवरी आपहुँ लिखात हैं।।
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