ओ मोहना बाँवरी करे मनुहार
ओ मोहना ! बाँवरी करे मनुहार
आन मिलो अबहुँ विलम्ब न कीजौ ,लीजौ मेरी सुधि सार
ओ मोहना.......
रैन दिवस नैना मोरे बरसें
जिया तोहे मिलने को तरसे
बिरहन को कछु नाँहि भावै ,सुहावै न साज सिंगार
ओ मोहना .......
अम्बवा की डार कोयलिया गावै
बिरह अग्न कोऊ आन बुझावै
तुम्हीं प्राणनाथ मनमोहन , अबहुँ आय मिलो भरतार
ओ मोहना.......
बाँवरी बैठी पिया पिया टेरे
जन्म गमाय दियो जी बहुतेरे
और कोऊ न सुधि नाथ ले, तुम ही प्राण आधार
ओ मोहना ! बाँवरी करे मनुहार
आन मिलो अबहुँ विलम्ब न कीजौ, लीजौ मेरी सुधि सार
ओ मोहना ........
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