कोटि कोटि रसना

कोटि कोटि रसना देयो बिधना हर रसना सों राधे गाऊँ
और कोय देव ध्यान न धरूँ अपनी कुँवरी किसोरी मनाऊँ
जिस विधि रीझे मेरी श्यामा सोई विधि सुख सों अपनाऊँ
राधे किसोरी नेह दीजौ चरणन सों तिहारो चरण रज बन जाऊँ
बाँवरी को बाँवरी बनाय दीजौ ऐसो जित देखूँ श्यामा ही पाऊँ
तुम्हरी कृपा अनन्त होय किसोरी जो नाम तिहारो नित गाऊँ

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