खामोशियाँ सुनती है सदायें सब तेरी
खामोशियाँ सुनती हैं सदाएं सब तेरी
दिखती हैं मुझे अब ये वफाएँ सब तेरी
हाँ तेरा दिल धड़कता है मैं सुनती हूँ
सपने सब मीठे मीठे से मैं बुनती हूँ
देखती रहती हैं अब ये निगाहें सब तेरी
खामोशियाँ ........
कभी चाँद बने आसमां का तो मैं शर्मा गई
कभी फूलों से उठती खुशबू तेरी महका गई
दिल जानता है मेरा ये अदाएँ सब तेरी
खामोशियाँ .......
दिल के अरमां सारे तेरे नाम से मचलते हैं
आँखों से अश्क़ भी तेरी याद में निकलते हैं
लाती हैं अब मुझे इस तरफ राहें सब तेरी
खामोशियाँ सुनती हैं सदाएँ सब तेरी
दिखती हैं मुझे अब ये वफाएँ सब तेरी
सब तेरी हाँ सब तेरी........
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