दरस बिन तोरे मर जाऊँ
दरस बिन तोरे मर जाऊँ
काहे तरसाय पिया काहे तरसाय
झूठी साँची जानु बतियाँ बनाय
किस विध हाय पीर सुनाऊँ
दरस बिन .......
कबसे मोरी बात न पूछी
दिन गयो कैसे रात न पूछी
नाम टेरत तेरो नयन बहाऊँ
दरस बिन ........
हिय माँहिं पीर उठे अति भारी
जागूँ पिया तुझ बिन रैना सारी
पुनि पुनि देखत द्वारे जाऊँ
दरस बिन.........
किस विध तुमसों मिलना होय
बाँवरी बिरहन बैठी नित रोय
पिय पिय ही टेरत जाऊँ
दरस बिन तोरे मर जाऊँ
दरस बिन.......
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