झूठी सी आशिकी ही सही

झूठा है इश्क़ मेरा झूठी सी आशिकी ही सही
तेरे बगैर मेरी ये ज़िन्दगी भी ज़िन्दगी तो नहीं

लबों पर तेरा नाम नहीं
मुझको तुझसे काम नहीं
हुई कभी भी मुझसे तेरी बन्दगी तो नहीं
झूठा है ......

कब मुझे इश्क़ हुआ
कब तेरा दर्द छुआ
दुनिया में मशरूफ रही तेरी दीवानगी तो नहीं
झूठा है .......

राज़ सब खोल दिए
दर्द न कभी मोल लिए
दिल में कभी तेरे इश्क़ की प्यास जगी तो नहीं
झूठा है इश्क़ मेरा झूठी सी आशिकी ही सही
तेरे बगैर मेरी ये ज़िन्दगी भी ज़िन्दगी तो नहीं

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