प्रेम आपका
प्रेम आपका
हाँ आप ही करते हो
सच्चा प्रेम
मैं कैसे करूँ
नहीं जानती
मैंने तो झूठ ही कह दिया
की मुझे आपसे प्रेम है
और आप
उसे भी सच मान लिए
हाय!
मेरा तो चित भरा हुआ
दुर्गुणों से
सांसारिक प्रपंचों से
झूठे दिखावे से
आप मेरा झूठ ही सच मान लिए
प्रेम करना तो कोई आपसे सीखे
मुझे भी सिखा दो
मुझे आपसे ही सीख़
आप ही को करना है
क्योंकि तुम मेरे हो ना
"मेरे कान्हा"
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