तेरा पर्दा

है मंजूर पर्दा तेरा अगर है तेरी ख़ुशी
क्यों फिर पर्दा हटाने का गुनाह करें हम

हसरत ए दीदार तो हमको है कई मुद्दत से
गर तुम ना चाहो क्यों बेपर्दा करें हम

इश्क़ हो जाए और यार भी मिल जाए
मुमकिन है तभी जब खुद को फ़नाह करें हम

रहे तू राज़ी तेरी ख़ुशी की हसरत है
बस दिल में अरमाँ यही दुआ करें हम

बस दो बात ही कर लेना जब मन हो तेरा
और क्या कहें बस इतनी इल्तज़ा करें हम

मिल जाए ऐसी तड़प की जल ही जाएँ हम
इश्क़ की आग में खुद को तबाह करें हम

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